चांद
सुना है तुम भी
लेफ्टिस्ट हो गए हो
पूनम के चांद थे तुम
बस अब
ईद के ही हो गए हो !!
तुम तो थे कवियों की
रचना का सुंदर मुखड़ा
सुना है मुफलिसी में
रोटी भी हो गए हो
पूनम के चांद थे तुम
बस अब
ईद के ही हो गए हो
नीले से नभ पे तुम तो
तारों में जी रहे थे
हरे हो के अब तुम
दुश्मनी क्यूं बो रहे हो
पूनम के चांद थे तुम
क्यूं ईद के ही हो रहे हो
ए चांद तुम भी
Leftist से हो रहे हो !
सजते थे चन्द्र तुम
महाकाल की जटा में
जिहाद की खलिश में
क्यों खुद को खो रहे हो
ए चांद तुम तो
अब लिफ्टिस्ट से हो रहे हो !!
#मैं_ज़िन्दगी
10 comments:
आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 26 फरवरी 2020 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
बेहतरीन रचना
सुन्दर कटाक्ष। खूबसूरत होना व खूबसूरत लगना, स्पष्टतः दो अलग-अलग पहलू है। Leftist चाँद शायद प्यारा न लगे मुझे भी...
शुभकामनाएं स्वीकार करें आदरणीया ।
बहुत सुंदर मनभावन सृजन।
बहुत लाजवाब ....
वाह!!!
धन्यवाद पम्मी जी
ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहिए
आभार अनुराधा जी
हृदय से आभार
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
आभार सुधा जी
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