तुम्हारा प्यार,
अधूरा ही
अच्छा लगता है ...
क्यूंकि
लिख सकती हूं
अनगिनत कविताएं
कहानियां और किस्से,
अलग अलग रंग,
और
हर बार
नया मोड़ देकर !
मैं अनंत बार
उन्हीं पलों में
जी लेती हूं तुम्हें
अलग अलग
किरदारों में
मंज़िलों में रहगुज़ारों में !!
बन जाती हूँ
नायिका
और तुम्हे
नायक बना के
अपनी नवलिकाओं में
मनचाहा मोड़ देकर
एक सुखद अंत लिए
जब तुम
मेरे
और सिर्फ मेरे होते हो !!
अधूरा है
शायद इसलिए
पूरा है मेरा प्यार !
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