अम्माँ सुनाओ न कोई कहानी
न जिसमें हो राजा न हो कोई रानी
तुम्हीं बताओ क्यों सूरज जले
सुबह क्यों ये निकले क्यों साँझ ढले
सवेरे क्यों ठंडी पवन क्यों चले
भरी धूप में क्यों तन मन जले
अम्माँ बताओ कहाँ से वो आये
रातों को सूरज नज़र क्यों न आये
चाँद की बातें तुम कल ही बताना
सूरज का गीत मुझे तुम सुनाना
अम्माँ सुनाओ न कोई कहानी
न जिसमें हो राजा न हो कोई रानी
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