23 February 2020

चांद तुम leftist se ho रहे हो


चांद
सुना है तुम भी
लेफ्टिस्ट हो गए हो
पूनम के चांद थे तुम
बस अब
 ईद के ही  हो गए हो !!

तुम  तो थे  कवियों  की
रचना का  सुंदर मुखड़ा
सुना है मुफलिसी में
रोटी भी हो गए हो
पूनम के चांद थे तुम
बस अब
ईद के ही हो गए हो

नीले से नभ पे तुम तो
तारों में जी रहे थे
हरे हो के अब तुम
दुश्मनी क्यूं बो रहे हो
पूनम के चांद थे तुम
क्यूं ईद के ही हो रहे हो

ए चांद तुम भी
 Leftist से हो रहे हो !

सजते थे चन्द्र तुम
महाकाल की जटा में
जिहाद की खलिश में
क्यों खुद को खो रहे हो
ए चांद तुम तो
अब लिफ्टिस्ट से  हो रहे हो !!

#मैं_ज़िन्दगी


10 comments:

Pammi singh'tripti' said...


आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 26 फरवरी 2020 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Anuradha chauhan said...

बेहतरीन रचना

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा said...

सुन्दर कटाक्ष। खूबसूरत होना व खूबसूरत लगना, स्पष्टतः दो अलग-अलग पहलू है। Leftist चाँद शायद प्यारा न लगे मुझे भी...
शुभकामनाएं स्वीकार करें आदरणीया ।

मन की वीणा said...

बहुत सुंदर मनभावन सृजन।

Sudha Devrani said...

बहुत लाजवाब ....
वाह!!!

Sandhya Rathore Prasad said...

धन्यवाद पम्मी जी
ऐसे ही प्रोत्साहित करते रहिए

Sandhya Rathore Prasad said...

आभार अनुराधा जी

Sandhya Rathore Prasad said...

हृदय से आभार

Sandhya Rathore Prasad said...

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

Sandhya Rathore Prasad said...

आभार सुधा जी