बात थी वो…बस ज़रा सी!
तुम . ...खफा हो गए!
भीड़ में .... खो गए!
तनहा हुआ.....ये मेरा जहाँ !
ग़ुम हुए.....तुम कहाँ ?
दिल पुकारे तुम्हे .....
ओ जाने जा .......
तुम कहाँ तुम कहाँ तुम कहाँ .....
तुम मिले ......मुझको जिस दिन !
जी न पाई ......,.मैं, तुम बिन
हो गयी...... हूँ मैं दीवानी!
गम से हुई ......मैं बेगानी!
लिखती रही रेत पर
तेरी मेरी कहानी !
हाँ , तुम हुए ....मेरा जहाँ !
मेरी ज़मीं .....आसमां !
दिल पुकारे तुम्हे ....
ओ जाने जा .......
तुम कहाँ तुम कहाँ तुम कहाँ !!
फिर ये क्या ......... हो गया है
वो कहीं .....खो गया है
भीनी सी है ... मेरी पलके !
बिखर गई है ...मेरी अलके !
ढूंढती मैं फिरूं
मिट गए जो उसके निशां !
तुम ही कहो . जाऊ कहाँ ?
खो गए तुम .... कहाँ ?
दिल पुकारे तुम्हे ...
ओ जाने जा .......
आ भी जा ....आ भी जा ..... आ भी जा
No comments:
Post a Comment