28 April 2017

छायी है........ कैसी उदासी !

Courtesy Internet 

छायी है........ कैसी उदासी !
बात थी वो…बस  ज़रा सी!
तुम  . ...खफा  हो गए!
भीड़  में ....  खो गए!
तनहा हुआ.....ये  मेरा जहाँ !
ग़ुम   हुए.....तुम   कहाँ ?
दिल  पुकारे  तुम्हे  .....
ओ जाने जा .......
तुम कहाँ तुम कहाँ तुम कहाँ  .....

तुम मिले ......मुझको  जिस दिन !
जी न  पाई ......,.मैं, तुम  बिन 
हो गयी......  हूँ मैं  दीवानी!
गम से हुई  ......मैं  बेगानी!
लिखती   रही  रेत  पर 
  तेरी मेरी कहानी !
 हाँ , तुम हुए ....मेरा जहाँ !
मेरी ज़मीं .....आसमां !
दिल  पुकारे तुम्हे  ....
ओ जाने जा .......
तुम कहाँ तुम कहाँ तुम कहाँ  !!

फिर ये क्या  .........  हो गया है   
वो  कहीं .....खो  गया है 
भीनी सी है ...  मेरी पलके !
बिखर गई है   ...मेरी अलके  !
ढूंढती मैं फिरूं 
 मिट गए जो उसके  निशां !
तुम   ही कहो   . जाऊ कहाँ ?
खो गए तुम  .... कहाँ ?
दिल   पुकारे तुम्हे  ...
ओ जाने जा .......
आ भी जा ....आ भी जा  ..... आ भी जा

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