18 April 2017

दवा है दुआ है वो क्या जाने क्या है


दवा है दुआ है 
वो  क्या जाने क्या है ?
मुझसे जो पूछो 
वो ख़ुदा की अता है !

उसकी आँखें समुन्दर 
जिस्म जैसे लहर सा,
काली सी  रातों की 
उजली सहर सा ।
यहाँ है ,वहाँ है ,
क्या जाने कहाँ है ??
मुझसे जो पूछे 
उस ख़ुदा  की कोई 
ख़ूबसूरत ख़ता है !

जहाँ चलना चाहूँ 
वो कोई डगर सा, 
रहना मैं चाहूँ 
वो कोई शहर सा ।
चला  है, रुका है 
वो  इक कारवाँ है 
मुझसे जो पूछे।
इस सफ़र का कोई 
ख़ूबसूरत पता है !

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