7 April 2017

कुछ ख़्वाहिश, कुछ अहसास है

कुछ ख़्वाहिश, कुछ अहसास है ...
ऐसा लगे क्यूँ   तू मेरे पास है ...

ख़्वाबों का कारवाँ है  नींदे अब भी जवाँ है
ये बता दे कि अब  मुझे जाना कहाँ है ..
आजा सब को बता दूँ  तू मेरा ख़ास है ...
जो तू है हमदम तो मंज़िल भी पास है ...
मेरे जिस्म में तेरी रूह का आभास है
तू अहसास है ..हाँ मेरे पास है






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