22 March 2016

किसी राह पर ,किसी मोड़ पर




किसी राह पर ,किसी मोड़ पर

नहीं जाऊँगी, तुझे छोड़कर

हो जाऊँ गर तुझसे जुदा
लौट आऊँगी सब छोड़कर

तुझसे जुड़ी तो मुझे लगा
सदियों का अपना है सिलसिला
तेरी रूह से मेरी रूह तक
रहा कहाँ कोई फ़ासला
तुझसे ये रिश्ता जोड़कर
नहीं जाऊँगी कहीं छोड़कर

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