22 March 2016

आना जाना



आसमां  ने पहना है

नीला  नीला  जामा सा
चाँद और सितारों का
यहाँ है आना जाना सा  .. 



ऐसे बाँहें फैलायें  ...
राहें  किसको बुलाए ?

कभी  चल पड़े औ'
कभी रुक रुक ये जायें...
इनकी मंज़िलो पर  क्या
तेरा है आना  जाना सा ?



सपने पलकों के  किनारें   
तुझको     पुकारें
मेरी ...  रातें  है बैठी 
तेरा रस्ता निहारें 
ख़्वाबों के इन दरिचो में क्या
तेरा है आना जाना सा ?

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