खत तुम्हे था लिखा
खत में मैंने लिखा
चाहा मैंने तुम्हे
क्यों इस तरह , बेवजह ....
मेरे लब न हिले
तेरे लब न हिले
आँखों ही आँखों में
चल पड़े थे सिलसिले
क्या था तुझमे दिखा
ये है मैंने लिखा
चाहा मैंने तुम्हे
क्यों इस तरह , बेवजह ....
लफ्ज़ तीन मिले
बड़े ज़हीन मिले
सोचकर ही जिन्हे
बहुत सुकून मिले
लफ्ज़ ये - तू सीखा
ये है मैंने लिखा
चाहा मैंने तुम्हे
क्यों इस तरह , बेवजह ....
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