18 November 2023

चांद तुम न आना -version २

ऐ चांद,

सिरहाने बैठें है वो,

सुनो आज न आना तुम ...

गर आ जाओ,

चुप ही रहना,

कुछ भी  कहने से  

बाज़ आना तुम ...


कैसे नैना

इज़हार करेंगें

जब तुम आंखों में जागोगे ?

कैसे पिय से  प्यार करेंगें

जब तुम  टुकटुक  यूं ताकोगे ?


कैसे बातें

ये होंठ करेगें ,

जब तुम खिड़की से झांकोगे ?

बाहें कैसे बाहें  थामेगी

जब धम धम बाम पे नाचोगे?


कैसे सांसों पे

गीत लिखेंगे

जब राग चांदनी गाओगे ?

कैसे जन्मों के

मीत बनेंगे

जब मिलन में टांग अड़ाओगे ?


बातें सारी अब

समझ गए तुम,

पार उफ़क़

अब जाना तुम !

जब तक मैं न

गुहार लगाऊं ,

लौट यहां

मत आना तुम






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