30 April 2023

चांद पे किसी एक का इजारा थोड़े ही है

जानते हो ?

ये  जो चांद हैं न...

ये चांद...

वोssss  सूत कातती 

बूढ़ी अम्मा  का फसाना भी  तो है!!

ये लल्ला का निठल्ला  मामा,  

दूध की कटोरी  में जो उतर आए, 

वो तराना भी तो  है !!


ये चांद  तो किसी 

उदास  आशिक का ..

उदास गाना भी   तो है 

चांद दिल ...चांद हुस्न ...

चांद मोहब्बत ...

ये चांद... ये दीवाना भी तो है!!


इस चांद को 

प्यासे चकोर का...

साथ निभाना  भी  तो है !!

स्याह रात के माथे पे 

चांद बिंदी सा....

 सज जाना भी तो  है !!


और  जानते हो ??

ये चांद ...

टेलिस्कोप से झांकता 

नीरस बेजान सा ...

खुरदुरा ज़मीन का 

 एक टुकड़ा वीराना  भी  तो है !!


अबोध सा..

अनजान सा..

हैरान सा..

नादान सा..

हां...ये चांद...

 थोड़ा सयाना भी तो है !!


सुनो...

देखोगे जैसे इसे..

दिखेगा वैसे हमें..

सुनो दरअसल ...

ये चांद... चांद नहीं ..

अपने जस्बातों का आईना ही तो है !!


मैं जिंदगी 


No comments: