Its about me, मैं and myself
मैं (सांझ ) ...
तुम्हारे ख़यालो में कहीं ...
और
ये सूरज ...
पेड़ो की इन्हीं शाखों में
उलझ कर
रह गए थे कहीं कल ...
हां...कल!!
गर याद हो तो ...
मैं ( सांझ) और ये सूरज,
दोनों ही....
घर, देर से लौटे थे !!
बेहतरीन रचना। क्या बात है।।।।।।अनेकानेक शुभकामनायें
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1 comment:
बेहतरीन रचना। क्या बात है।।।।।।
अनेकानेक शुभकामनायें
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