26 June 2019

सूरत - मेरा शहर

सुनो शहर
नहीं देखा हर मुहल्ला तुम्हारा !
नहीं छानी
ख़ाक हर गली की...
सभी सड़के भी 
नहीं है नापीं मैंने..

जानती हूँ 
कई चेहरे है तुम्हारे 
जो तुमने 
मुझसे छुपाके है रखे ...

मगर शहर,
जितना भी जाना है
जितना भी देखा है,
मुझे तुम्हारी हर शय से 
हर क़तरे से 
बेसाख़्ता बेपनाह
मोहब्बत है मुझे !

#सूरत

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