18 December 2018

यादें कुछ किताब करते है

यादें कुछ किताब करते है 
 बातें अब बेहिसाब करते है ..

तारों का पैरहन चाँद ने पहना 
आसमां कोई बेलिबास करते है

आँखों से टपकी होंठों पे जा ठहरी 
बूँद शबनम वो शराब करते है

आधे से अधूरे से टूटे से पूरे से 
ख़्वाबों का खानाख़राब करते है

सज़ा ऐ इश्क़ है एक मौत मुकम्मल 
लो ये ख़ता भी हम जनाब करते है


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