19 December 2018

काला धागा

काले धागे में है बांधी 
ख़्वाहिशें कई 
रस्म और रिवाज़ है ये 
रिवायतें नई

टीका एक काजल का 
माथे पे लगाए के 
हाथों में गले में बाँधे 
ताबीज़ कई 

झाड़ फूँक दे जो कोई 
जादू कट जाएगा 
काली कमली वाले से 
माँगी दुआएँ कई 

लिम्बू और मिर्ची मैं 
टाँग दूँ किवाड़ों पे 
काली चौदस की रातें 
नाप लूँ कई

लाशों से लोबान से 
धुआँ धुआँ रातें हो 
औघड़ सी जैसे ये 
ज़िंदगी हुई



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