काश, ये ज़िन्दगी ...... इस ज़िन्दगी से, ज़िन्दगी भर, यूँ ही प्यार करने की इज़ाजत दे दे ।
बेसबब खुश रहना .... अनायास ही मुस्कुरा उठना ... और उस लम्हे को हर पल जीना, जब किसी का ख्याल ही, जिस्म को महका भर जाय .... और तब सिर्फ होंठ ही नहीं, पूरा जिस्म भी मुस्कुराये !!
..... किसी गुमनाम साये सा उसका होना ..... जिसकी न आँखे, है न जिस्म है और न ही रूह कोई ..... सिर्फ उसका एक ख़्याल सा होना, सवाल सा होना ..... मगर फिर भी इसी साये, इस ख़याल इस सवाल से बेपनाह मोहब्बत करना ...... है न अजीब ??
मगर ये प्यार है ही ऐसा, सिर्फ एक खूबसूरत अहसास और कुछ भी नहीं ....... जो सिर्फ ख़्वाबों में होती है , ख्वाहिशों में होती है !
ये ख्वाबों और ख्वाहिशों की दुनिया भले ही कभी हासिल न हो मगर रब की मेहर बनी रहे ....... एक आस बंधी रहे ... एक अहसास बना रहे ...... फिर तो ये मंज़िले मिले या न भी मिले , कोई ग़म नहीं !!
..... किसी गुमनाम साये सा उसका होना ..... जिसकी न आँखे, है न जिस्म है और न ही रूह कोई ..... सिर्फ उसका एक ख़्याल सा होना, सवाल सा होना ..... मगर फिर भी इसी साये, इस ख़याल इस सवाल से बेपनाह मोहब्बत करना ...... है न अजीब ??
मगर ये प्यार है ही ऐसा, सिर्फ एक खूबसूरत अहसास और कुछ भी नहीं ....... जो सिर्फ ख़्वाबों में होती है , ख्वाहिशों में होती है !
ये ख्वाबों और ख्वाहिशों की दुनिया भले ही कभी हासिल न हो मगर रब की मेहर बनी रहे ....... एक आस बंधी रहे ... एक अहसास बना रहे ...... फिर तो ये मंज़िले मिले या न भी मिले , कोई ग़म नहीं !!
इस अहसास को आज फिर एक और दफा जी लेना चाहती हूँ मैं .......
मंज़िले ............
मनाने लगी हैं ..
सताने लगी है ...
राह ये रहगुज़र के
पास आने .....लगी है
चाहतों की बूँद से
पलकें ये झुक गई
ख़्वाब थे बेहया से
धड़कने रुक गई
शोख़ियाँ करने की ख़्वाहिश हुई है
ख़्वाहिशें.......
दीवानी हुई है
दीवानी हुई है
कहानी हुई है
ज़िंदगी ... ज़िंदगी को
रास आने लगी है
नज़रों के साज़ थे
धुन नई छिड़ गई
छूने से एक तेरे
ख़ुश्बू सी घुल गई
जीते जी मरने की चाहत हुई है
चाहतें............
रूमानी हुई है
जवाँ सी हुई है
इश्कियाँ .... इश्क़ की
भाने लगी है
मंज़िले ............
मंज़िले ............
No comments:
Post a Comment