28 June 2018

औरत और गौरैया

फुटपाथों पे रहती  अबलाएँ 
क्या गौरैया सी होती है ??
जो लाल नीले हरे पीले कंतानो के बँधे नीड़ में सोती है !! 

तेज़ आँधी, तूफ़ाँ , बरसातें 
नीड़ कभी ध्वंस कर जाते है !
और कभी कौवे से आदम 
शील ,जीव हरण कर जाते है !

मन ही मन में भय है इनके 
ऐसी गौरैया सा होने में !
फिर भी चाहे, होना गौरैया
दिल के किसी एक कोने में !

सोच रही है ये अबलाएँ 
गौरैया सी लुप्तप्रायः हो जाती वो !
फिर शायद किसी संरक्षक से 
संरक्षण का सुख पाती वो !

तुम कहो कि फ़र्क़ कहाँ है 
इक औरत के , गौरैया के होने में ?
एक लुटीं, बींधी पेड़ों पे
एक सड़क के कोने में !





#Sandhya_Rathore 

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