हिज़्र और वस्ल की बातें,
रात रात भर जागती यादे,
आँख से छू लिया तूने,
लम्स तेरा एक पा लिया मैंने,
रहना है मुझे तुम मे,
अधूरे ख्वाब को कोई,
मुक्कम्मल कर गया जैसे,
सुनो, अपनी इन आँखों में,
मुझे बस थोडा थोडा सा ,
बसने दो ओ ओ ओ न.....
सुनो ... मुझे तुम,
अपनी आँखों से ....कहने दो न !
रूह से रूह का बंधन ,
महकती साँस, ज्यूँ चन्दन,
नहीं देखा तुझे अब तक,
मगर एक आस है अब तक,
कि रहना है मुझे तुम में,
जिस्म में जान हो कोई,
धीमी सी धड़कन के जैसे,
सुनो अपने इस दिल में
थोडा थोडा सा ,
धड़कने दो ओ ओ ओ न.....
सुनो ... मुझे तुम,
अपनी धड़कन में ....धड़कने दो न !
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