यूपी के इलेक्शन में गधों पर काफ़ी चर्चा जारी है इन दिनो - उसी पर एक कटाक्ष किया है
काश ! ए इंसान तू गधा होता !
फिर इलेक्शन में तेरे बारे में
भर भर के चर्चा हुआ होता !
दुलत्ती खाने और खिलाने का
सिलसला चला होता !
काहे को मोदी और अखिलेश
का दंगल हुआ होता ?
ये लालू और आलू का
झोलमझोळ हुआ न होता !
ए बेमुर्रवत इंसान!! तू देश के
किसी खेत में चर रहा होता !!
रहता तू भी जंगल में
और शेर भालू से डर रहा होता
होता गधा तो आज तू भी
कहीं ढेंचू -ढेंचू कर रहा होता
अरे जो हो कम से कम
राजनीति तो नहीं कर रहा होता !!
संध्या राठौर
काश ! ए इंसान तू गधा होता !
फिर इलेक्शन में तेरे बारे में
भर भर के चर्चा हुआ होता !
दुलत्ती खाने और खिलाने का
सिलसला चला होता !
काहे को मोदी और अखिलेश
का दंगल हुआ होता ?
ये लालू और आलू का
झोलमझोळ हुआ न होता !
ए बेमुर्रवत इंसान!! तू देश के
किसी खेत में चर रहा होता !!
रहता तू भी जंगल में
और शेर भालू से डर रहा होता
होता गधा तो आज तू भी
कहीं ढेंचू -ढेंचू कर रहा होता
अरे जो हो कम से कम
राजनीति तो नहीं कर रहा होता !!
संध्या राठौर
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