कह दो न ख़्वाबों में मेरे
will you come again ?
कह दो ना साँसों को मेरी
will you feel them again ?
दिल की फ़रमाइश हुई
वक़्त से गुज़ारिश हुई
लम्हो की कर दो न
कोई साज़िश again
इश्क़ की नुमाइश हुई
सुलगी सी ख़्वाहिश हुई
आँखों से छूकर दिल में
कर आतिश again
लम्सो की बारिश हुई
मय से पैमाईश हुई
होंठों से होंठों की कर ले
आज़माइश again
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