ख़्वाब करारे है,
मीठे कुछ खारे है
कुछ तेरे मेरे है
और कुछ हमारे है।
मीठे कुछ खारे है
कुछ तेरे मेरे है
और कुछ हमारे है।
दिन ने जो रखे थे
कुछ नीले सपने से,
कुछ तो अधूरे थे
कुछ पूरे सपने थे।
ढल जाए शामें जो
धागे रातों के थामे वो
नींदे उन्हें काली काली
कुछ तो अधूरे थे
कुछ पूरे सपने थे।
ढल जाए शामें जो
धागे रातों के थामे वो
नींदे उन्हें काली काली
आँखों में उतारे।
वादों के बस्ते में
कुछ महंगे सस्ते में
दिल का ये सौदा
दिल का ये सौदा
तुझसे किया रे
इमली सी खट्टी है
शहद सी मीठी है
इसक की चटनी को
जब भी चखा रे
~sandhya
~sandhya
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