आज तारीख है २ अगस्त २०१६ .
बस अगले दो दिन में उम्र के ४५ साल पुरे कर जायेंगे हम , मगर जनाब आलम ये है की बेशक उम्र ने बहुत सारी परते डाल दी है इधर उधर - कमबख्त ख्वाबो पे कोई उम्र का मुलम्मा नहीं चढ़ा !
वो तो वैसे ही है जैसे की सोलह बरस की कमसिन उम्र - भई तभी तो इन दिनों जोश जोश में आकर अपना whats app स्टेटस कर लिया - sixteen till I die !!! हाहाहाहा !
बस अगले दो दिन में उम्र के ४५ साल पुरे कर जायेंगे हम , मगर जनाब आलम ये है की बेशक उम्र ने बहुत सारी परते डाल दी है इधर उधर - कमबख्त ख्वाबो पे कोई उम्र का मुलम्मा नहीं चढ़ा !
वो तो वैसे ही है जैसे की सोलह बरस की कमसिन उम्र - भई तभी तो इन दिनों जोश जोश में आकर अपना whats app स्टेटस कर लिया - sixteen till I die !!! हाहाहाहा !
और तो और ट्विटर पे नाम भी कुछ दिनों तक यही रहा - जब खून में उबाल आता है - बाली उम्र हिलोरे लेने लगती है तो फिर नाम की जगह यही तमगा चिपका देते है और फिर कुछ दिनों बाद नशा उतरता है तो रेत की तरह ढेर हो जाते है - और नाम भी रेत ही रख लेते है ! sigh !
एक ढर्रा है ख्वाब ! रोज़ देखते है - कितने ही ख्व़ाब!!
सोते जागते - कोई हिसाब ही नहीं है ! अब हिसाब कोई रखे भी कैसे ?? रोज़ नित नए जो ख्व़ाब देखते है हम ।
सोते जागते - कोई हिसाब ही नहीं है ! अब हिसाब कोई रखे भी कैसे ?? रोज़ नित नए जो ख्व़ाब देखते है हम ।
अब कल ही की बात ले लीजिये - खुबसूरत सी नीली वो कल्कत्ती साडी पहन रखी थी - कॉलेज पहुचे - एक दो जन ने कह दिया , "वाह मैडम क्या लग रहे हो"
बस फिर क्या था - हम तो 'घर' फिल्म की रेखा हो गए और फिर वो - "आजकल पाँव ज़मीन पर नहीं पड़ते मेरे ! " और आसमां में उड़ लिए। और बस उसकी थोड़ी देर बाद - बिंदिया गोस्वामी हो गए और मंद मंद मुस्कुराते हुए गुनगुनाने लगे - "मन मेरा प्यार का शिवाला है - आपको देवता बनाना है! "
बस फिर क्या था - हम तो 'घर' फिल्म की रेखा हो गए और फिर वो - "आजकल पाँव ज़मीन पर नहीं पड़ते मेरे ! " और आसमां में उड़ लिए। और बस उसकी थोड़ी देर बाद - बिंदिया गोस्वामी हो गए और मंद मंद मुस्कुराते हुए गुनगुनाने लगे - "मन मेरा प्यार का शिवाला है - आपको देवता बनाना है! "
इन निगोड़े ख्वाबो से कोई निजात कैसे पाए कोई - अब नीचे लिखी इन पंक्तियों को ही ले लीजिये - क्या कोई कहेगा की ये एक अधेड़ उम्र की महिला की परिकल्पना है ?
मगर जनाब दिल तो दिल है - दिल का क्या कसूर ??
अब सुन भी लीजिये न क्या कह रहा है कमबख्त दिल -
मेरे इस दिल की बाते,
यादो की कुछ सौगाते
क्या ये मुझे कहना चाहे ,
क्या है इस दिल का माज़रा ?
क्या है इस दिल का माज़रा ?
कोई कह दे तो ज़रा ....
आये कुछ. ..ख्वाब सिरहाने ....
तेरी... कुछ बात बताने ....
यादो के ... किस्से सुनाने....
ख्वाबो और यादो से भला ...
क्यूँ दिल ... नहीं भरा!!
कोई कह दे तो ज़रा?
बैठी... मुंडेर पे राते,
करती है ...दिन भर बाते,
कितनी शरीर ये राते,
इनको पलकों में काटें...
आँखों से सपने न चुरा ...
कोई कह दे तो ज़रा?
पागल ... मदमस्त हवाएं,
बादल को ...छूना चाहे,
ले के ...हिलोरे गाये,
फूलो को धम्म से गिराए,
मुझको ये छेड़ क्यूँ जाए ......
मेरा दुपट्टा न उड़ा ..
कोई कह दे तो ज़रा?
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