अभी अभी ट्विटर पर कुछ मित्रों से बात हो रही थी टाइम लाइन पर - इत्तेफाकन एक तो मेरी ही जन्मतारीख वाली है दूसरे साहब भी हम दोनों की sun sign शेयर करते है।
उज्ज्वला, पेशे से वकील है और लिखती है - जल्द ही अपनी ९० कविताओं का संग्रह छापने जा रही है। दूसरे शिशिर सोम जी - बहुत नहीं जानती कि किस व्यवसाय से संगलित है। .. मगर हाँ, वे भी बहुत अच्छा लिखते है।
कुल मिला कर बात ये कि LEO sun sign वाले लिखते है !! इसी सन्दर्भ में याद आया - एक और जनाब से देर रात (उस दिन PhD का अपना पेपर लिखने बैठी थी सो रात तीन बज गए थे सोते सोते - बीच बीच में नींद उड़ाने के लिए ट्विटर पर ट्वीटिया लेती थी) बाते हुई - उनका कहना था कि उन्होंने कोई leo नहीं देखा जो अच्छा लिखता हो - काम से कम जिनसे वे प्रभावित हुए हो -वैसे. गुलज़ार सहाब की चंद रचनाएं छोड़ दे तो उन्हें पसंद नहीं आती कोई ख़ास ?
इसलिए आज बस युहीं सोच रही थी कि emotions, दर्द भावना प्यार भी sunsign अथवा राशि के मुताबिक होता है ....
मसलन मैं उदास हूँ या मुझे प्यार है या किसी की तलाश है या किसी किस्म का खालीपन है मुझमे! तो क्या वो इसलिए कि मैं सिंह राशि से हूँ?
मेरा - मैं होना कोई मायने नहीं रखता ?
क्या मैं महज़ आंकड़ो और लकीरों का एक मोहरा भर हूँ मैं ?
मगर जब टीस उठती है तो आंसू तो सबके एक ही होते है - दर्द भी एक ही होता है - वहां ये आंकड़े और लकीरे कहाँ आती है ?
क्या मैं कोई नहीं ? और तुम जिससे मैंने प्यार किया - जिसे जीती हूँ रोज़, जिस पे मरती हूँ रोज़ - तुम भी सिर्फ एक नंबर ही हो ?
क्या तुम मुझ से इसलिए बिछड़े क्यूँ की हम एक राशि के न थे ? या हमारे अंक अलग है ?
अब समझी तुम्हे मेरी याद क्यूँ नहीं आती ????
तुम्हारे जो अंक है -उन्हें मेरे अंक का न गणित समझ आता है , न प्यार न व्यवहार मगर सुनो - मैं सिर्फ एक अंक नहीं हूँ - सिर्फ एक राशि नहीं हूँ !!!
सोचू तुझे मैं जब कभी
पानी सा तू तो बह गया
एक टूटा साहिल रह गया
तू जो ज़रा सा, मुझमे कहीं था
उज्ज्वला, पेशे से वकील है और लिखती है - जल्द ही अपनी ९० कविताओं का संग्रह छापने जा रही है। दूसरे शिशिर सोम जी - बहुत नहीं जानती कि किस व्यवसाय से संगलित है। .. मगर हाँ, वे भी बहुत अच्छा लिखते है।
कुल मिला कर बात ये कि LEO sun sign वाले लिखते है !! इसी सन्दर्भ में याद आया - एक और जनाब से देर रात (उस दिन PhD का अपना पेपर लिखने बैठी थी सो रात तीन बज गए थे सोते सोते - बीच बीच में नींद उड़ाने के लिए ट्विटर पर ट्वीटिया लेती थी) बाते हुई - उनका कहना था कि उन्होंने कोई leo नहीं देखा जो अच्छा लिखता हो - काम से कम जिनसे वे प्रभावित हुए हो -वैसे. गुलज़ार सहाब की चंद रचनाएं छोड़ दे तो उन्हें पसंद नहीं आती कोई ख़ास ?
इसलिए आज बस युहीं सोच रही थी कि emotions, दर्द भावना प्यार भी sunsign अथवा राशि के मुताबिक होता है ....
मसलन मैं उदास हूँ या मुझे प्यार है या किसी की तलाश है या किसी किस्म का खालीपन है मुझमे! तो क्या वो इसलिए कि मैं सिंह राशि से हूँ?
मेरा - मैं होना कोई मायने नहीं रखता ?
क्या मैं महज़ आंकड़ो और लकीरों का एक मोहरा भर हूँ मैं ?
मगर जब टीस उठती है तो आंसू तो सबके एक ही होते है - दर्द भी एक ही होता है - वहां ये आंकड़े और लकीरे कहाँ आती है ?
क्या मैं कोई नहीं ? और तुम जिससे मैंने प्यार किया - जिसे जीती हूँ रोज़, जिस पे मरती हूँ रोज़ - तुम भी सिर्फ एक नंबर ही हो ?
क्या तुम मुझ से इसलिए बिछड़े क्यूँ की हम एक राशि के न थे ? या हमारे अंक अलग है ?
अब समझी तुम्हे मेरी याद क्यूँ नहीं आती ????
तुम्हारे जो अंक है -उन्हें मेरे अंक का न गणित समझ आता है , न प्यार न व्यवहार मगर सुनो - मैं सिर्फ एक अंक नहीं हूँ - सिर्फ एक राशि नहीं हूँ !!!
सोचू तुझे मैं जब कभी
सोचू तुझे मैं जब कभी
पागल, दीवानी, अजनबी
आकर तुझे मैं ऐसे मिली
सागर से जैसे, मिले नदी
पागल, दीवानी, अजनबी
आकर तुझे मैं ऐसे मिली
सागर से जैसे, मिले नदी
ये वक़्त था कुछ लहरों सा
जाने कहाँ, कब बह गया !!
जाने कहाँ, कब बह गया !!
मैं कारवां थी जैसे कोई
छोड़ मुझे तू चल दिया।
छोड़ मुझे तू चल दिया।
पानी सा तू तो बह गया
एक टूटा साहिल रह गया
तू जो ज़रा सा, मुझमे कहीं था
अब ज़र्रे ज़र्रे में रह गया ! !
No comments:
Post a Comment