कुछ रोज़ से पढ़ते वक़्त सब धुंधला दिखने लगा था इरा को। अक्सर शिकायत करती की रौशनी कम पड़ती है - आँखों पर ज़ोर बहुत पड़ता है - पढाई लिखाई करते वक़्त और कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते वक़्त। अरे हाँ, मोबाइल कैसे भूल गई ?काफी दिनों से शिकायत कर रही थी इरा रागेश से।
रागेश ने कहा था - "जब देखो तब शिकायत करती रहती हो ! एक काम करो, अदिति के स्कूल से भी complain है कि उसे दूर का दिखाई नहीं देता, तुम दोनों चली जाओ डॉक्टर के पास।"
अदिति इरा की छोटी बेटी का नाम था ।
खैर, शाम को इरा अदिति दोनों डॉक्टर के पास गए ....
अदिति को दूर का चश्मा आया था।
डॉक्टर बोला - "आपकी आँखों की सारी नसे सूखने लगी है और आपको नंबर भी आ गए है नज़दीक के। "
देर तक मन ही मन हँसती थी रही इरा -" बात बात पे भर आने वाली ये आँखे , बाथरूम में छुपकर रोते रहने वाली ये भीनी आँखे - सूखी हो गई थी !!! "
रागेश ने कहा था - "जब देखो तब शिकायत करती रहती हो ! एक काम करो, अदिति के स्कूल से भी complain है कि उसे दूर का दिखाई नहीं देता, तुम दोनों चली जाओ डॉक्टर के पास।"
अदिति इरा की छोटी बेटी का नाम था ।
खैर, शाम को इरा अदिति दोनों डॉक्टर के पास गए ....
अदिति को दूर का चश्मा आया था।
डॉक्टर बोला - "आपकी आँखों की सारी नसे सूखने लगी है और आपको नंबर भी आ गए है नज़दीक के। "
देर तक मन ही मन हँसती थी रही इरा -" बात बात पे भर आने वाली ये आँखे , बाथरूम में छुपकर रोते रहने वाली ये भीनी आँखे - सूखी हो गई थी !!! "
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