इन रास्तों में,
इन मंज़िलो में,
तुम को ढूंढे कहाँ .....
बरसो तरसी
मेरी ये निग़ाहें
तुम छुपे हो कहाँ ..... आ भी जा जाने जां
इन मंज़िलो में,
तुम को ढूंढे कहाँ .....
बरसो तरसी
मेरी ये निग़ाहें
तुम छुपे हो कहाँ ..... आ भी जा जाने जां
आँखे मेरी पलके न मूंदे
सोया है सारा जहाँ
नींद ये बोले,
ख्वाबो की बोली
पलके मूंदे जहाँ
चाहें मेरी बाहें पसारे
नींदो से आकर तूने जगाया
ख़्वाबों में आता है तेरा ही साया
बहती है क्यूँ ये नीली सी झीलें
जब जब भी हम पलकें मूँदे .....
आँखों से बह गया सारा वो काजल
सोया है सारा जहाँ
नींद ये बोले,
ख्वाबो की बोली
पलके मूंदे जहाँ
चाहें मेरी बाहें पसारे
नींदो से आकर तूने जगाया
ख़्वाबों में आता है तेरा ही साया
बहती है क्यूँ ये नीली सी झीलें
जब जब भी हम पलकें मूँदे .....
आँखों से बह गया सारा वो काजल
शोर करे न अब तो ये पायल
बिंदी को भी नज़र लगी ज्यूँ
बोले न चूड़ी, चुप से अब है बूंदे .....
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