तू चला प्यार के वादों को तोड़कर
कोई नहीं आता यहाँ ,
गुमशुदा से ख़्वाब है
मीलों है ख़ामोशी ,
कोई नहीं आवाज़ है
तू मुझे आवाज़ दे
तू मेरा तो नाम ले
आऊँगी मैं तेरी बाँहों में दौड़कर
रास्ते तनहा यहाँ ,
मंज़िले बर्बाद है
मंज़िले बर्बाद है
इस सफ़र का कोई
अंजाम ना आग़ाज़ है
आ पुकारें इन्हें,
कुछ क़दम आ संग चले
आएँगी ख़ुशियाँ यहाँ शायद किसी मोड़पर
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https://soundcloud.com/sandhya-rathore/xkk4ianbghp2
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