ख़्वाहिशों ने पहना है
चाहतों का जामा सा
ख़यालों का दिल में मेरे
क्यूँ है आना जाना सा
ऐसे बाँहें फैलायें ...
राहें किसको बुलाए ?
राहें किसको बुलाए ?
कभी युहीं चल पड़े औ'
कभी रुक रुक ये जायें...
इन मंज़िलो पर तेरा (2)
क्या है आना जाना सा
नींदों में हमारे ...
सपने तुझको पुकारे
सपने तुझको पुकारे
तुझको हर पल निहारे
, हाय मुझको क्या हुआ रे
ख़्वाब के दरिचो में तेरा (2)
क्या है आना जाना सा
ख़्वाहिशों ने पहना है
चाहतों का जामा सा
ख़यालों का दिल में मेरे
क्यूँ है आना जाना सा
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