15 November 2015

खुदा उसे इंसान बनाना भूल गया शायद


उसके हिस्से में कुछ बारूद लिखा है शायद
खुदा उसे इंसान बनाना भूल गया शायद .

एक बच्चा देर से रो रहा है उधर 
एक माँ उधर भी मरी है शायद .

वो बेटा ढूँढ रहा है जूते, अपने पिता के
जूते ही में मिल जाए, टुकड़े पिता के शायद.

फिर एक बार मोमबत्ती की दुकान में भीड़ लगी है 
कोई हादसा फिर एक बार हुआ है शायद 

कितनी ही साँसे थम गई आज फिर से 
कोई इंसान फिर एक बार ख़ुदा हुआ है शायद .

एक इंसान ख़ुदा -ख़ुद बन गयाथा  
एक ख़ुदा - जो ख़ुदा था -मर गया था शायद ।


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