Kya jaane .. kyun ?
Its about me, मैं and myself
10 August 2015
ज़रुरी है!
कभी कभी,
यूँ बेवजह ही सही,
सुनो,
उदास रहना भी , ज़रुरी है!
तो क्या हुआ जो,
मर गए हम !
सुनो,
फिर भी, सांस लेना, ज़रुरी है!
तो क्या
जो चल दिया वो,
कभी न आने के लिए !
सुनो,
उनका इंतज़ार करना, ज़रुरी है !
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment