Kya jaane .. kyun ?
Its about me, मैं and myself
12 July 2015
मौसम धुँआ धुँआ है
न जाने क्या हुआ है
मौसम धुँआ धुँआ है ।
तेरी आँखों में नशीला
मौसम भी ये जवाँ है ।
हम तुम बहक रहे है
मदहोश ये समाँ है ।
होंठों से लिख रही हूँ
ये जो अपनी दास्ताँ है।
आओ चले वहाँ पर
जो प्यार का कहकशाँ है
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