12 July 2015

ज़िन्दगी एक जुआ है



हार जीत सब यहां है
ज़िन्दगी एक जुआ है

मंज़िले  हुई है उनकी
जिनके हौसला जवाँ है

तू चलता चल मुसाफिर
 तेरे कदमो में ये जहॉं है

जो टूट कर न टुटे
जो न ज़िन्दगी से रूठे
उसपे ख़ुदा भी मेहेर्बां है

No comments: