11 July 2015

ज़िन्दगी की ज़िन्दगी से मुलाक़ात कराई जाए



आओ महफ़िल में आज तेरी बात चलाई जाए
ज़िन्दगी की ज़िन्दगी से मुलाक़ात कराई जाए। 

वो इश्क़  जो लैला ने किया और सोनी  ने किया
ज़माने को  इश्क़ की ज़ात भी ज़रा बताई जाए। 

उसके चेहरे पे सुकूँ हो औ' पलकों में सपने 
आओ एक रात ऐसी भो बिताई जाए। 

ये ज़माना   भी कुछ इस तरह  हमें याद रखे 
 वक़्त की रेत पर लकीरे कुछ, बनाई  जाए।    

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