आओ महफ़िल में आज तेरी बात चलाई जाए
ज़िन्दगी की ज़िन्दगी से मुलाक़ात कराई जाए।
वो इश्क़ जो लैला ने किया और सोनी ने किया
ज़माने को इश्क़ की ज़ात भी ज़रा बताई जाए।
उसके चेहरे पे सुकूँ हो औ' पलकों में सपने
आओ एक रात ऐसी भो बिताई जाए।
ये ज़माना भी कुछ इस तरह हमें याद रखे
वक़्त की रेत पर लकीरे कुछ, बनाई जाए।
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