6 July 2015

आग, पानी में लगा दो ना।


मेरी बेपनाह चाहत के ये
राज़ तुम भी सुन लो ना।
आओ मेरे संग मिलकर कुछ
 ख़्वाब तुम भी बुन  लो ना।

पानियों ने लिखे है जो
हवाओं ने छेड़े है जो
गीत अपनी चाहत के
आओ तुम भी सुन लो ना।

रंगो से बिखरे हुए  जो,
ख़ुश्बुओ से महके  हुए वो ,
फूल अपनी चाहत के
तुम संग मेरे चुन लो ना।

बारिशों से  भीगी  है जो ,
बूंदे  गीली  गीली  सी ,
आओ दहकती  बूंदो   से तुम,
आग, पानी में लगा दो ना। 

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