15 July 2015

बन गया है तू मेरे जीने की वजह ...

 

ये क्या हुआ है ?
ये क्यों हुआ है "
बस इतना  पता है
बन गया है तू  ही
मेरे  जीने की वजह।

 रात चांदनी हो
फिर  सांवली सुबह हो
मुझपे, हँसने  लगे है
फूल  यूँ ही बेवजह  ।

आ भी जाओ हमदम
राह तक -तक, मैं हारी
जाऊँ तुम पे, वारी वारी
मुझको दो न यूँ तुम, सज़ा।

बन गया है तू,
हाँ, हाँ ,बन गया है तू,
मेरे  जीने की वजह।

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