मैने क्या माँग लिया एक बार तुझको तुझसे
किस कदर तू बेज़ार हो गया मुझसे
ये खबर है कि तू नही है किस्मत मे मेरी
माँग डाला फिर भी मैने तुझे अपने रब से
जानती हूँ इस घरोंदे मे, तू ना आएगा कभी
कि तू परिंदा है किसी और के ही फलक से
तेरी ज़मीं है अलग, आसमा भी है अलग
तुझे क्या वास्ता, मेरी शब से, सुबह से
मेरी आहों का तुझ पर कोई असर भी नही
सलवटे पड़ गई अब तो उम्र मे, शिकन से
कब तलक ऐसे मर मर के ज़िंदा मैं रहू
या खुदा! पास अपने तू बुला ले, कसम से
किस कदर तू बेज़ार हो गया मुझसे
ये खबर है कि तू नही है किस्मत मे मेरी
माँग डाला फिर भी मैने तुझे अपने रब से
जानती हूँ इस घरोंदे मे, तू ना आएगा कभी
कि तू परिंदा है किसी और के ही फलक से
तेरी ज़मीं है अलग, आसमा भी है अलग
तुझे क्या वास्ता, मेरी शब से, सुबह से
मेरी आहों का तुझ पर कोई असर भी नही
सलवटे पड़ गई अब तो उम्र मे, शिकन से
कब तलक ऐसे मर मर के ज़िंदा मैं रहू
या खुदा! पास अपने तू बुला ले, कसम से
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