25 November 2014

ये सोचा नही था!

हुआ क्यु वो, आख़िर जो होना नही था,
ऐ ज़िंदगी ! 
इस तरह मुझे तुझको  खोना नही था !

ना जाने यह तलाश ताउम्र की ,
इस तरह ख़त्म होगी, ये सोचा नही था!

आँसू तो पहले भी बहते रहे थे,
सरेआम होंगे ,यह सोचा नही था !

बदनामियों  की तो आदत नही थी,
यू बदनाम होंगे , यह सोचा नही था !

सुना था प्यार बेइन्तेहा  खूबसूरत है,
इतने जख्म मिलेंगे।, यह सोचा नही था!

भरी भीड़ मे हमसफरकई साथ होंगे
मुझे माफ़ कर देना हमदम मेरे तुम

बरसो से साथ तेरे मैं चलती रही हूँ 
माना प्यार तुझे नही कर सकी मैं
तुझे छोड़ दूँगी ऐसा सोचा नही है

 आखरी साँस तक निभाउंगी तुझ संग
मेरे साथी मैने अब तो सोचा यही है

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