5 March 2024

एक ख़त


एक खत  

एक मियाद से

आँखो मे लिखा है

एक सच

कई सदियों से

दिल ने कहा है

क्या  वो खत तुम पढ़ोगे बताओ ज़रा

क्या वो सच तुम सुनोगे बताओ ज़रा

हां बताओ ज़रा .....

हां बताओ ज़रा .....


क्या लिखा  उस  खत मे ये

कोई भी न जाने

जो कहा  इस दिल ने वो

कोई भी न माने

एक कहानी  पुरानी जो

 वक़्त ने लिखी थी

उसमे राजा था, रानी 

कहीं भी नहीं थी

एक नदी थी जो

सागर को मिलने चली थी

खो गई राह मे

या फिर गुम हो गई थी

जो  अधूरी कहानी  है  सुनाओ ज़रा

दरियाओं को सागर से, मिलाओ ज़रा

हां बताओ ज़रा

हां सुनाओ ज़रा


......



ये जो खत तूने आंखों ही 

आंखों में पढ़ा है

तेरे दिल को  दिल ने 

कुछ कहते सुना है 

मेरा छोटा सा घर है,

बसाओ ज़रा 

रानी अपने उस घर की 

बनाओ ज़रा 

जताओ ज़रा 

पास आओ जरा







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