इस तरह जो तुम...चले जाओगे
ज़िंदगी भर हमें.... याद आओगे
क्या पता तुम हमें,
एक किस्सा समझ ...भूल जाओगे
हाथ थामें हुए कल खड़े थे जहां
वो नजारे नहीं, अब नहीं है वहां
सिर्फ़ तन्हाईयां अब .... पाओगे
इक तारा गिरा वो जला फिर बुझा
मन्नतों का शहर, बसा फिर लिया
सोच किस्मत फिर, ...आजमाओगे
हूं मुक्कमल, हां मुझमें ख़ला कुछ नहीं
सब मिला है मुझे, पर मिरा कुछ नहीं
तुम मिले आज, कल.... खो जाओगे
@saanjh_savere #मैं_ज़िंदगी
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