ॐ नमः शिवाय
ॐ नमः शिवाय
कण कण में शंकर
मन मन में शंकर
ब्रह्मांड समस्त है
शिव शंकाराय
ॐ नमः शिवाय
भस्म रमाए
और चर्म चढ़ाए
गंगा जटाओं में
ऐसे समाय
ॐ नमः शिवाय
चंद्र विभूषित
शक्ति सुशोभित
त्रिनेत्र में जल थल
प्रलय है समाय
ॐ नमः शिवाय
आंखों में करुणा
और विरक्ति के भाव
विषय वासना पर
विजय है शिवाय
ॐ नमः शिवाय
है प्रेम के भूखे
भाव के भूखे
धतूरा बेल
विभूति चढ़ाय
ॐ नमः शिवाय
सोमनाथाय
ममलेश्वराय
द्वादश ज्योर्तिलिंग
स्वरूपाय
ॐ नमः शिवाय
2 comments:
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 19 जुलाई 2022 को साझा की गयी है....
पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ॐ नमो शिवाय
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