14 July 2022

ये मेहंदी अपने हाथों में लगा के जो रखी है

 ये मेहंदी अपने हाथों पे  लगा के जो रखी है 

तेरी यादों की लोबान भी जला के  जो रखी है

उन रंगों में 

उन यादों में 

लोबान के  धुएं में  बस तेरी ही कमी है 

ये मेंहदी...


ये दिल बंजारा.....ये है आवारा

भटके ये रात दिन

कोई ठौर न ठिकाना

मंज़िल न  तेरे बिन

आवारापन...

बंजारापन ...

  राहों में मेरे दिल के इक धूल सी जमी है 


ये जादू टोना आंखों से बोना

तिलिस्म कैसा, सुन 

न जागना न सोना

बस लगी है तेरी धुन 

है शोखियां

मदहोशियाँ 

सूखी सी इन झीलों में अभी भी इक नमी है


तुझसे होकर  तुझ में यूं गुजरना 

ज्यों धरती और गगन 

रग रग में तेरा बहना

मेरा थिरकना  तत् तत् थून 

नजदीकियां 

सरगोशियां 

दुनिया ये मेरी तेरी बाहों में ही थमी है 










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