Its about me, मैं and myself
कब तक यूं ही बात न हो
साथ तो हो पर साथ न हो
धरती अंबर से न बोले
ऐसे तो कभी हालात न हो
धूप भले फिर लाख जला ले
छांव का सर पे हाथ न हो
उखड़े उखड़े दिन हो चाहे
मायूस मगर , ये रात न हो
#बस_यूँ_ही
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