-जानती हो तुम मेरे लिए क्या हो ?
-उम्म्म हम्म्म !!
-नही ?
-अच्छा अगर मैं कहूं कि तुम बातें हो। मेरे लिए यादें हो मेरे लिए ....तुम कोई धुन सी हो.. ऐसी कोई धुन जो बरबस ही मुझे तुम्हारी याद दिलाती है
-कितनी दफे देखता हूं डीपी तुम्हारी- कभी ट्विटर पे तो कभी व्हाट्सएप पे.....जानता हूं तुम इतनी भी हसीन नहीं हो ....
मगर सच कहूं .....तुम बहुत बहुत हसीन हो .....अपनी आवाज़ की तरह ....अपनी आंखों की तरह ....अपनी हंसी की तरह
- झूठे !!
-अरे नही, सच कह रहा हूं ....तुम्हारी आवाज़ से मन नहीं भरता
बस सुनता ही रहता हूं वो धुन ...तुम्हारी धुन ... तुम्हारे गीत जो तुम्हे सुनाते है मुझे ...वो गीत जो.... तुम्हे मुझ तक लेकरआते है ..... जो कहते है कि तुम मैं हूं और मैं तुम !!
- धत्त... बातें बनाना कोई तुमसे सीखे !!
-नही ...सच कह रहा हूं... तुम्हारी कसम! .......................अच्छा सुनो ....
- बोलो
-सुनो, फिर से सफ़र पे चलते है न.... बस चलते रहेंगे
- जैसा तुम कहो ..
- घास के मैदानों में .. लंबी सड़को पर ... तन्हा रास्तों पर
- अच्छा बाबा ठीक है ... खुश ?
- Hahahaha!!
- तुम भी दीवाने हो .. सच्ची !!
- सुनो मैं तुम्हे देखते रहना चाहता हूं ....तुम्हे देखूंगा और तुम बस मेरी फरमाइशी गीत गाती रहना .......मै सुनूंगा ..ऐ ....मैं तुम्हे तुम्हारी आवाज़ से छूना चाहता हूं ... छूने दोगी न ? .... मैं तुम्हारे गाए गीतों में जीना चाहता हूं !
- धत्त .. शर्म आती है मुझे
- ऐ सुनो न ....गाओगी न मुझे ?
- हां , गाऊंगी तुम्हे ...तुम्हारे लिए ... खुद को ... तुम तक अपने गीतों से पहुचाऊंगी... ......................तो ये गीत पसंद है न तुम्हे ? देखो ... फिर कहना मत मैंने सुनाया नही था ..
"रोज़ रोज़ आंखो तले "
2 comments:
कतई रोमांचिक.. रोमांटिक है🤩😍👏🏻👏🏻👌
खूबसूरत अंदाज़ । स्टारमेकर तक पहुँचाने का शुक्रिया ।
geet1976 से कमेंट किया है ।
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