ये उलझी उलझी सांसों का
बे मतलबी सी बातों का
निगाहों से निगाहों का
ये सिलसिला है कैसा, .. ओ जानां ...
खिले खिले गुलाबों का
वो चटपटे क़बाबों का
वो खत वाली किताबों का
क्या है राबातां मेरी जानेजानां ...
वो कैडबरी के गिफ्ट का
वो बाइक की उस लिफ्ट का
वो पीछा करती स्विफ्ट का
अपनी दोस्ती में रिफ्ट का
ये माजरा है क्या मेरी जानां...
"है कुछ इनके between" से
"I mean" से " You, mean (!!)" का
शुबाह से यकीन का
है प्यार का हसीन सा
सिलसिला है अपना , मेरी जानां...
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