इन दिनों
चिड़िया और बुलबुले
कुछ ज्यादा ही
चहकने लगी है !
मछलियां झींगे
नदियों के
झीलों के तालों के
बड़े मगरुर होने
लगे है !
चीलों को
कौवों को
बगुलों को
गिद्धों को
बात ये
नागवार
गुजरने लगी है
बस यही सोच कि
चिड़ियों और बुलबुलों की
मछलियों की झिगों की
तादाद
चीलों से गिद्धों से
कौवों से बगुलों से
ज्यादा
होने लगी है क्या ?
यह तय
करने के लिए मैंने
चील और बगुलो की
गिद्धों की कौवों
गोष्ठी बुलाई है
और
चिड़ियों की
बुलबुलों की
मछलियों की झिंगो की
दावत सजाई है !!
चिड़िया और बुलबुले
कुछ ज्यादा ही
चहकने लगी है !
मछलियां झींगे
नदियों के
झीलों के तालों के
बड़े मगरुर होने
लगे है !
चीलों को
कौवों को
बगुलों को
गिद्धों को
बात ये
नागवार
गुजरने लगी है
बस यही सोच कि
चिड़ियों और बुलबुलों की
मछलियों की झिगों की
तादाद
चीलों से गिद्धों से
कौवों से बगुलों से
ज्यादा
होने लगी है क्या ?
यह तय
करने के लिए मैंने
चील और बगुलो की
गिद्धों की कौवों
गोष्ठी बुलाई है
और
चिड़ियों की
बुलबुलों की
मछलियों की झिंगो की
दावत सजाई है !!
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