23 March 2020

गोष्ठी

इन दिनों
चिड़िया और बुलबुले
कुछ ज्यादा ही
 चहकने लगी है !

 मछलियां झींगे
 नदियों के
झीलों के तालों के
बड़े मगरुर  होने
लगे है !

चीलों को
कौवों को
बगुलों को
गिद्धों को
बात ये
नागवार
गुजरने  लगी है

बस यही सोच कि
चिड़ियों और  बुलबुलों  की
मछलियों  की झिगों की
तादाद
चीलों से गिद्धों से
कौवों से बगुलों से
ज्यादा
होने लगी है  क्या ?

यह तय
करने के लिए मैंने
चील  और बगुलो की
गिद्धों की कौवों
गोष्ठी बुलाई है
और
चिड़ियों  की
बुलबुलों की
मछलियों की झिंगो की
दावत सजाई है !!


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