21 January 2019

लिबास ज़िंदगी

वादों के कुछ टूटे धागे ...
नेह की कच्ची पक्की गाँठे 
कुछ स्पर्श ...जो हुए रफ़ू से 
 यादों के  पैबंद  वो सारे 
और ...
थे कुछ समझौते के टाँके 
बस ...

यही है न, तू ...
लिबास ... ज़िंदगी ??




#मैं_ज़िंदगी

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