आओ नई बात करते है
फिर नई शुरुआत करते है
तरबूज़ा फिर रंग न बदले
पैदा ऐसे हालात करते है
बहुत हुआ काग़ज़ों पे मिलना
चलो अब मुलाक़ात करते है
मज़हबी बातों से न भड़के
जज़्ब अपने जज़्बात करते है
कुछ तो जवाब दो ‘ज़िंदगी’
अब तुमसे सवालात करते है
फिर नई शुरुआत करते है
तरबूज़ा फिर रंग न बदले
पैदा ऐसे हालात करते है
बहुत हुआ काग़ज़ों पे मिलना
चलो अब मुलाक़ात करते है
मज़हबी बातों से न भड़के
जज़्ब अपने जज़्बात करते है
कुछ तो जवाब दो ‘ज़िंदगी’
अब तुमसे सवालात करते है
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