25 August 2018

दुआ

पलकों से गिरे हुए 
उस एक बाल को 
अपनी मुट्ठी पे रख 
आँख मूँद कर
एक दुआ माँगी थी मैंने 
और फिर 
हल्की सी एक फूँक से 
उस बाल को
उड़ा दिया था मैंने !
.......
वो दुआ 
उस बाल सी ....
कहीं शून्य में 
विलीन हो गई

फिर कभी मिलने के लिए ....

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