फ़रमाइशें , कुछ ख़्वाहिशें ....
करने लगा है दिल ...
क़िस्मत की फिर आज़माइशें
करने चला है दिल ...
रुक रुक ये चलता है ..
गिर गिर संभलता है ...
तेरी ही तेरी सिफ़ारिशें
करने लगा है दिल
यादों के ताने
हाँ ...ताने बाने बुने है !
ख़्वाब न जाने ,
न जाने... कितने चुने है !
रातों से अपने
हाँ अपने... फ़साने सुने है
तारें ये सुनकर
हाँ सुनकर ...जले भुने है ...
चाँद पे अब रिहाइशें
करने चला है दिल
तेरी ही तेरी अब ख़्वाहिशें
करने लगा है दिल
करने लगा है दिल ...
करने लगा है दिल ...
करने लगा है ..... दिल ...
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