24 December 2017

हर रंग होना चाहती हूँ

सुनो मैं रंग सतरंगी 
होना चाहती हूँ 
हर रंग हो मुझसे
हर रंग मैं 
होना चाहती हूँ 

हो बालों का रंग 
सुनहरा 
चाँदनी मुझसे छलके
रूप चाँदी मैं 
होना चाहती हूँ 

ख़्वाब मेरे 
हो बैंगनी 
या हो फ़िरोज़ी 
ख़्वाहिशें धानी मैं 
बोना चाहती हूँ 

बिजली चमके 
ऐसे दमकें 
शुभ्र दन्तमोती 
मुस्कान मैं 
होना चाहती हूँ 

आँखे हरी हो 
या हो नीली 
पलकों में 
रात काली मैं 
ढोना चाहती हूँ 

लाज से बिखरे 
रंग गुलाबी 
गालों पे dimple 
चाँद चौदवी मैं 
बोना चाहती हूँ 

रूह मेरी 
महके कस्तूरी 
जिस्म जिस्म 
संदल मैं 
 होना चाहती हूँ





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