सुनो मैं रंग सतरंगी
होना चाहती हूँ
हर रंग हो मुझसे,
हर रंग मैं
होना चाहती हूँ
हो बालों का रंग
सुनहरा
चाँदनी मुझसे छलके
रूप चाँदी मैं
होना चाहती हूँ
ख़्वाब मेरे
हो बैंगनी
या हो फ़िरोज़ी
ख़्वाहिशें धानी मैं
बोना चाहती हूँ
बिजली चमके
ऐसे दमकें
शुभ्र दन्तमोती
मुस्कान मैं
होना चाहती हूँ
आँखे हरी हो
या हो नीली
पलकों में
रात काली मैं
ढोना चाहती हूँ
लाज से बिखरे
रंग गुलाबी
गालों पे dimple
चाँद चौदवी मैं
बोना चाहती हूँ
रूह मेरी
महके कस्तूरी
जिस्म जिस्म
संदल मैं
होना चाहती हूँ
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